5 ESSENTIAL ELEMENTS FOR NEERAJ CHOPRA BIOGRAPHY IN HINDI

5 Essential Elements For Neeraj Chopra Biography in Hindi

5 Essential Elements For Neeraj Chopra Biography in Hindi

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नीरज चोपड़ा मिल्खा सिंह, कृष्णा पनिया और विकास गौड़ा के बाद राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले चौथे व्यक्ति हैं।

नीरज चोपड़ा का एथलीट्स क्षेत्र कौन सा है? जैवलिन थ्रो।

नीरज चोपड़ा ने अपनी उपलब्धि को समर्पित किया फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को

एवं इनकी माता का नाम सरोज देवी है, जो की गृहणी है, नीरज चोपड़ा के दो बहनें भी है. जिनका नाम सरिता और संगीता है.

नीरज चोपड़ा के परिवार में कौन-कौन है? यूं तो नीरज चोपड़ा का परिवार बहुत बड़ा है। क्योंकि इनके परिवार में इनके माता पिता के अतिरिक्त ताऊजी हैं। वैसे बात करें इनके अपने परिवार की तो इनके माता-पिता के अतिरिक्त इनकी दो बहन है।

डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ कुरूक्षेत्र विश्‍वविद्यालय, हरियाणा

खिलाड़ी more info को अपनी पीठ, भाला छोड़ने से पहले पूर्णतः वृत्तखंड की ओर नहीं करनी चाहिए ।

नीरज चोपड़ा जय चौधरी को देखकर भाला फेंक के खेल के लिए आकर्षित हुए थे।

कॉलेज / यूनिवर्सिटी: डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़

नीरज चोपड़ा जिन्होंने न सिर्फ अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया बल्कि भारत की प्रतिष्टा को विश्व पटल पर और ऊँचा कर दिया। अपने शानदार प्रदर्शन के दम पर नीरज चोपड़ा ने खेलों के महाकुम्भ टोक्यों ओलिंपिक में भाला फेंक में रिकॉर्ड प्रदर्शन के साथ “सोना” अपनी झोली में डाला।

ओलंपिक उपलब्धि को फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह को किया समर्पित –

इस खेल में यदि भाले का नुकीला हिस्सा जमीन पर गिरे और उसमें धंस जाए तभी सही थ्रो माना जाता है सही दूरी मापने के लिए खिलाड़ी का सेक्टर एंगल के अंदर टिप करना जरूरी है।

खुद को प्रैक्टिस करते हुए उत्सुकता से देखने के कारण जयवीर ने नीरज से भाला फेंकने के लिए कहा ।  जब नीरज ने भाला फेंका तो उन्हे एहसास हुआ कि वह दूर तक भाला फेंक सकते हैं, और इसी आत्मविश्वास ने उन्हें भाला फेंक एथलीट बना दिया ।

टोक्यो ओलंपिक के बाद से ही जैवलिन थ्रो में भारत दुनिया भर में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। टोक्यो ओलंपिक के बाद अब तक जैवलिन थ्रो में भारत के नाम लिखे जाने वाले खिताबों का पूरा श्रेय नीरज चोपड़ा को जाता है।

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